झूला झूले हो गजानंद झुलना,
Tag: Gajab mere khatuwale
फागुन की रुत ऐसी आई है खाटू में मस्ती छाई है
म्हारे हिवडे उठी हिलोर भायला खाटू नगरी जावण की,
छाई रै खाटू नगर में बहार,
श्याम मिलन की रूत आई,
जब जब खाटू वाले के भगतो पे विपदा आई,
प्रभु ने अजब लिखी तकदीर।
जलती रहे खाटूवाले,जोत तेरी जलती रहे।
खाटू वाले तेरी ज्योत जलती रहे,
सारी दुनिया को रोशन ये करती रहे,
जो हारा सो पुकारा रे,
पुकारा रे कन्हैया,
खाटू वाले खाटू वाले,
तूने अजब रचा भगवान,भाग्य इस नारी का।
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