म्हारे हिवडे उठी हिलोर भायला खाटू नगरी जावण की,
ल्यो आ गई रे रूत फागण की ,
बाबा का हेलो आयो रे म्हानै खाटू धाम बुलायो रे,
जा मेला मांही धूम मचास्यां बाजण दयो धुन नागण की,
ल्यो आ गई रे रूत फागण की।म्हारे हिवडे उठी हिलोर भायला खाटू नगरी जावण की,
ल्यो आ गई रे रूत फागण की।
हिल मिल के खाटू चालां जी खाटू मै घूमर घालां जी,
ढफ ढोल मंजीरा चंग बाजे म्हारै मन मै आ री नाचण की,
ल्यो आ गई रे रूत फागण की।म्हारे हिवडे उठी हिलोर भायला खाटू नगरी जावण की,
ल्यो आ गई रे रूत फागण की।
मन मचल रहयो जी होली मै रंग भर ल्यो रे भग्तो झोली मै
भक्तों नै सागै ले चालां उकै लटक लाग री गावन की।
ल्यो आ गई रे रूत फागण की।म्हारे हिवडे उठी हिलोर भायला खाटू नगरी जावण की,
ल्यो आ गई रे रूत फागण की।
म्हारे हिवडे उठी हिलोर भायला खाटू नगरी जावण की,
ल्यो आ गई रे रूत फागण की।