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विविध भजन

Prem nagar mat ja ye musafir,प्रेम नगर मत जा ए मुसाफिर प्रेम नगर मत जा

प्रेम नगर मत जा ए मुसाफिर
प्रेम नगर मत जा।




प्रेम नगर मत जा ए मुसाफिर
प्रेम नगर मत जा।

प्रेम नगर का पंथ तो कठिन है,
उसका उचा शिखर है ठिकाना है।प्रेम नगर मत जा ए मुसाफिर
प्रेम नगर मत जा।

प्रेम नगर की गहरी है नदियाँ
लाखो लोग रे डुबाना है।प्रेम नगर मत जा ए मुसाफिर
प्रेम नगर मत जा।

प्रेम नगर की सुन्दर परियाँ ,
लाखो लोग लुभाना है।प्रेम नगर मत जा ए मुसाफिर
प्रेम नगर मत जा।

ब्रम्हा नन्द के कोइ विरला त्या पहुँचे,
पावे पद निरवाना।प्रेम नगर मत जा ए मुसाफिर
प्रेम नगर मत जा।

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