जटा में तेरे गंगा माथे पे तेरे चंदा, बोल भोले बोल दर्शन होगा कि नही।
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चेहरों उतर गयो चांद को जी,एसो सोनो सोनो लागे,
चंदा भी देख शरमाया, कान्हा जी तुम्हे किसने सजाया।
भोलीसी सुरत, माथेपे चंदा
देखो चमकता जाए
वह तो अंदर से समझा रहा है हमें, हम समझना ना चाहे तो वह क्या करें
हर देश में तू हर भेष में तू,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है,
नमो नमो तुलसा महारानी ,
नमो नमो हर जी पटरानी ।
जद भी पड़ी कोई दरकार,लीले चढ़ आयो सरकार,
राधे राधे बोल दुःख जाएगा,
जिवडो तरसे नैना बरसे ,हाल हुआ बेहाल।
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