मैं रोज निहारूँ झांकी,
खाटू वाले दातार की,
Tag: Chalo re chalo chalo khatu dham re
चलो, बुलावा, आया है,
कन्हैया ने बुलाया ह।
खाटू वाले मैं तेरा दीवाना,
पैदल आस्यां ओ साँवरिया थारी खाटू नगरी, पैदल आस्यां जी।
मन में उठन लागी हूक,
सांवरिये के नाम की,
ही नहीं ऐसे खाटू में,
दीनो का मेला लगता है,
खाटू में मची धमाल फागुन आयो रे,
चाहे पूछो धरा गगन से चाहे पूछो अग्नि पवन से,
आ गया खाटू वाला वो आ गया खाटू वाला,
फागुन की रुत ऐसी आई है खाटू में मस्ती छाई है
You must be logged in to post a comment.