खिड़की मत खोलो अटारी की, चोरी हो गई बांके बिहारी की।
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मैं रोज निहारूँ झांकी,
खाटू वाले दातार की,
सपना में देख्यो रे म्हाने,
श्याम धणी दातार,
ग़रीबों के दाता हो अगर तुम मुरारी,
मेरी पार नैयाँ, लगानी पड़ेगी,
दुनिया में दातार बहुत हैं, दिखला दे दातारी,