श्याम तेरी कर्मों की गति न्यारी,
में कैसे रटु मुरारी ॥में कैसे रटु मुरारी,में कैसे रटु मुरारी।श्याम तेरी कर्मों की गति न्यारी,
में कैसे रटु मुरारी ॥
श्याम तेरी कर्मों की गति न्यारी,
में कैसे रटु मुरारी ॥
धौले पंख दिये बुगला को ॥
कान्हा तैने कोयल करदि कारी,में कैसे रटु मुरारी।श्याम तेरी कर्मों की गति न्यारी,
में कैसे रटु मुरारी ॥
छोटी आंख दई हथनी को-॥
कान्हा तैने गर्दन कर दई भारी,में कैसे रटु मुरारी।श्याम तेरी कर्मों की गति न्यारी,
में कैसे रटु मुरारी ॥
लम्बे सिंग दिये हिरणी को-॥
श्याम यो पीछे पडा शिकारी,में कैसे रटु मुरारी ॥श्याम तेरी कर्मों की गति न्यारी,
में कैसे रटु मुरारी ॥
चातर नार पुत बिन तरसे-॥
श्याम या फूहड़ जन हारी,में कैसे रटु मुरारी ॥श्याम तेरी कर्मों की गति न्यारी,
में कैसे रटु मुरारी ॥
श्याम तेरी कर्मों की गति न्यारी,
में कैसे रटु मुरारी ॥में कैसे रटु मुरारी,में कैसे रटु मुरारी।श्याम तेरी कर्मों की गति न्यारी,
में कैसे रटु मुरारी ॥