भारत में फिर से आजा,मन मोहन मुरलिया वाले।मन मोहन मुरलिया वाले।मन मोहन मुरलिया वाले।भारत में फिर से आजा,मन मोहन मुरलिया वाले।
तूने वन वन गाय चराई है। तूने लूट लूट दही खाई है। वह लीला हमें दिखा जा, मन मोहन मुरलिया वाले।भारत में फिर से आजा,मन मोहन मुरलिया वाले।
सारी दुनियां हो रही हांसी है।सुध ले लो द्वारका वासी है।अरे नरसी का भात भरा जा,मन मोहन मुरलिया वाले।भारत में फिर से आजा,मन मोहन मुरलिया वाले।
कौरव की सभा लगी भारी।द्रोपद की खींच रहे साड़ी।अरे द्रोपद की लाज बचा जा,मन मोहन मुरलिया वाले।भारत में फिर से आजा,मन मोहन मुरलिया वाले।
तूने डुबत बिरज उबारो है।गोवर्धन नख पर धारो है।हम सबकी लाज बचा जा,मन मोहन मुरलिया वाले।भारत में फिर से आजा,मन मोहन मुरलिया वाले।