तुझे छोड़कर हे बजरंगी कहां में शीश झुकाऊं।
Tag: charno me shish jhukaya
एक बार लाड़ली जू,
हमें चरणों से लगा लो,
तेरे दरबार में सर झुकाती रहूं ।
तू बुलाता रहे और मैं आती रहूं।।
थारी काया रो गुलाबी रंग उड़ जासी ।
हंस्लो मित्र कोनी थारो ए भोली काया,
झूठी दुनिया से मन को हटाले
ध्यान मैया जी के चरणों में लगाले।
तूं भी श्याम रिझा ले, तूं भी भजनों को गा ले। तूं भी चरणों में शीश को झुकाले
चरणों में तेरे,
मिला जो ठिकाना,
दे दे श्याम धूल चरणन की,
सुन ले ओ बाबा,
हम शरण तेरी आए है,
झुकाने को ये सर,
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