तर्ज,में तुलसी तेरे आंगन की
दे दे श्याम धूल चरणन की,
सुन ले ओ बाबा,
सुन ले ओ बाबा,
सुनले अरज तेरे भक्तन की,
दे दे श्याम धूल चरणन की।।
पूजा की विधि मैं नहीं जानू,
बस तुझको मैं अपना मानु,
भेंट चढ़ाउ असुवन की,
दे दे श्याम धूल चरणन की।।
तेरा क्या श्याम घट जाएगा,
बालक ये तेरा तर जाएगा,
युक्ति बता भव तरणन की,
दे दे श्याम धूल चरणन की।।
बैठे हो प्रभु क्यों मुख फेरे,
कुछ न जगह क्या दिल में तेरे,
प्यासी ये अँखियाँ दर्शन की,
दे दे श्याम धूल चरणन की।।
क्यों मुझसे तू रूठ गया है,
क्या ये नाता टूट गया है,
कुछ तो बता अपने मन की,
दे दे श्याम धूल चरणन की।।
दे दे श्याम धूल चरणन की,
सुन ले ओ बाबा,
सुन ले ओ बाबा,
सुनले अरज तेरे भक्तन की,
दे दे श्याम धूल चरणन की।।