तुझे छोड़कर हे बजरंगी कहां में शीश झुकाऊं। तेरी भक्ति में डूबा हूं जाऊं तो कहां जाऊं। लगन मेरी तुझसे लगी है। लगन मेरी तुझसे लगी है।लगन मेरी तुझसे लगी है।लगन मेरी तुझसे लगी है।
हुई परीक्षा जब तेरी हनुमत चीर के सीना दिखाएं। अपने हृदय में राम सिया की छवि को हैदर जाए।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 मेरे भी दिल में आप बसे हो कहो तो मैं दिखलाऊं। मेरी भक्ति पर यकीन ना हो तो सीना चीर दिखाऊं।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺लगन मेरी तुझसे लगी है।लगन मेरी तुझसे लगी है।लगन मेरी तुझसे लगी है।लगन मेरी तुझसे लगी है।
तुझे छोड़कर हे बजरंगी कहां में शीश झुकाऊं। तेरी भक्ति में डूबा हूं जाऊं तो कहां जाऊं। लगन मेरी तुझसे लगी है। लगन मेरी तुझसे लगी है।लगन मेरी तुझसे लगी है।लगन मेरी तुझसे लगी है।
जब से तेरी शरण में आया मन को चैन मिला है। क्या होती है भक्ति हनुमत मुझको पता चला है। तुझे छोड़कर और किसी का क्यों में ध्यान लगाऊं।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 मिला मुझे संतोष जो तुमसे क्यों मैं उसे गांवाऊ।लगन मेरी तुझसे लगी है।लगन मेरी तुझसे लगी है।लगन मेरी तुझसे लगी है।लगन मेरी तुझसे लगी है।
तुझे छोड़कर हे बजरंगी कहां में शीश झुकाऊं। तेरी भक्ति में डूबा हूं जाऊं तो कहां जाऊं। लगन मेरी तुझसे लगी है। लगन मेरी तुझसे लगी है।लगन मेरी तुझसे लगी है।लगन मेरी तुझसे लगी है।
बुरे समय में है बजरंगी काम तुम सबके आए। प्रभु राम से भक्तजनों तक संकट सबके मिटाएं। जब तुम सहारा मेरा तो आश क्यों किसी से लगाऊं।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 ध्यान सभी का रखने वाले तेरा ही ध्यान लगाऊं।लगन मेरी तुझसे लगी है।लगन मेरी तुझसे लगी है।लगन मेरी तुझसे लगी है।लगन मेरी तुझसे लगी है।
तुझे छोड़कर हे बजरंगी कहां में शीश झुकाऊं। तेरी भक्ति में डूबा हूं जाऊं तो कहां जाऊं। लगन मेरी तुझसे लगी है। लगन मेरी तुझसे लगी है।लगन मेरी तुझसे लगी है।लगन मेरी तुझसे लगी है।