गल मोत्यां को हार,
सिर चुनड़ चमक धार,
देकर सोलाहा शृंगार,
माँ बनडी सी लागो जी
Tag: chunar mhari rang Dali
झूला डाला कदम्ब की डाली रे,
देवे जोटा श्याम झूले राधा प्यारी रे,
सर पे चुनरिया लाल,
और हाथों में मेहंदी रचाई है,
ओढ़ चुनरियाँ मैया लाल चली,
सिंघ सवारी पे है लगती भली।।
मेरी छोड़ दे चुनरिया भोलेनाथ सवेरे बूटी लेकर आऊंगी
मां लाल चुनरिया में लगती निराली है। बड़ी सज धज के बैठी मां शेरावाली है
मेरी मैया की चुनरी कमाल है,
रंग सोना सोना लाल लाल है।।
थारी काया रो गुलाबी रंग उड़ जासी ।
ऐसा रंग राधा रानी चढ़ाया के होर रंग नहियो चढ़दा।
रंग दे चुनरिया ओ गिरधारी
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