हम शरण तेरी आए है,
झुकाने को ये सर,
Tag: Hum sharan teri aaye hai
हे दशरथ नंदन दया करो, हम शरण तुम्हारी आए हैं
लेलो शरण सांवरे,आया तेरे द्वार लेलो शरण सांवरे
शरण गोंपाल की रहकर,
तुझे किस बात की चिंता।।
सुनलो अरज हमारी,
मैं हूँ शरण तुम्हारी,
हम शरण तेरी आये है,
झुकाने को ये सर।।