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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Thari kaya ro gulabi rang ud jasi,थारी काया रो गुलाबी रंग उड़ जासी,nirgun bhajan

थारी काया रो गुलाबी रंग उड़ जासी ।

थारी काया रो गुलाबी रंग उड़ जासी ।
उड़ जासी रे फीको पड़ जासी ,
थारी काया रो गुलाबी रंग उड़ जासी ।

हरा हरा रूंखड़ा ऊगवा रे बाद में ,
पान फूल एक दिन झड़ जासी ॥
थारी काया रो गुलाबी रंग उड़ जासी ।उड़ जासी रे फीको पड़ जासी ,
थारी काया रो गुलाबी रंग उड़ जासी ।

सूरज ऊगियो दोपारां ने तपीयो ,
सांझ पड्या सूरज ढळ जासी ॥
थारी काया रो गुलाबी रंग उड़ जासी ।उड़ जासी रे फीको पड़ जासी ,
थारी काया रो गुलाबी रंग उड़ जासी ।

रैण बसेरो पंछी कीनो ,
भोर भई रे पंछी उड़ जासी ।
थारी काया रो गुलाबी रंग उड़ जासी ।उड़ जासी रे फीको पड़ जासी ,
थारी काया रो गुलाबी रंग उड़ जासी ।

जग सरकस है देख मेरा भाई ,
खेल खतम हुआ पछे घर जासी ॥
थारी काया रो गुलाबी रंग उड़ जासी ।उड़ जासी रे फीको पड़ जासी ,
थारी काया रो गुलाबी रंग उड़ जासी ।

ओ तन है भाई पाणी रो पतासो ,
पाणी रो पतासो बीरा गळ जासी ।
थारी काया रो गुलाबी रंग उड़ जासी ।उड़ जासी रे फीको पड़ जासी ,
थारी काया रो गुलाबी रंग उड़ जासी ।

कहे गुरु श्री भजन करो भाई,
धरम कमाई थारे सागे जासी ।।
थारी काया रो गुलाबी रंग उड़ जासी ।उड़ जासी रे फीको पड़ जासी ,
थारी काया रो गुलाबी रंग उड़ जासी ।

थारी काया रो गुलाबी रंग उड़ जासी ।
उड़ जासी रे फीको पड़ जासी ,
थारी काया रो गुलाबी रंग उड़ जासी ।

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