,फागण मेले में,
Tag: Ari ri me to odh chunariya jaungi mele me
चुनर ओढ़ लेई ओढ़ लेई रे,नटवर नागरिया
तुमको दादी चुनरी उढाकर नजर उतारू में
सर पे चुनरिया लाल,
और हाथों में मेहंदी रचाई है,
ओढ़ चुनरियाँ मैया लाल चली,
सिंघ सवारी पे है लगती भली।।
मेरी छोड़ दे चुनरिया भोलेनाथ सवेरे बूटी लेकर आऊंगी
मां लाल चुनरिया में लगती निराली है। बड़ी सज धज के बैठी मां शेरावाली है
मेरी मैया की चुनरी कमाल है,
रंग सोना सोना लाल लाल है।।
थारी काया रो गुलाबी रंग उड़ जासी ।
ही नहीं ऐसे खाटू में,
दीनो का मेला लगता है,
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