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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Hansalo mitra koni tharo ye bholi kaya,हंस्लो मित्र कोनी थारो ए भोली काया,nirgun bhajan

हंस्लो मित्र कोनी थारो ए भोली काया,

हंस्लो मित्र कोनी थारो ए भोली काया,
हंस्लो मित्र कोनी थारो ए भोली काया
तू जाणे काया में ठग राख्यो
यो हंस्लो आप ठगोरो ए।

हंस्लो मित्र कोनी थारो ए भोली काया,
हंस्लो मित्र कोनी थारो ए भोली काया
तू जाणे काया में ठग राख्यो
यो हंस्लो आप ठगोरो ए।

अमर लोक से आयो म्हारो हंसलो
यो आयो अखन कंवारो
इ हंसले न ब्याह रचायो
यो ही है पिव तिहारो ए भोली काया।

हंस्लो मित्र कोनी थारो ए भोली काया,
हंस्लो मित्र कोनी थारो ए भोली काया
तू जाणे काया में ठग राख्यो
यो हंस्लो आप ठगोरो ए।

काढ र ल्याई कढाय कर ल्याई
फिर फिर ल्याई र उधारो
इ हंसले न कदे न भूखो राख्यो
सूंप दियो घर सारों, ए भोली काया।

हंस्लो मित्र कोनी थारो ए भोली काया,
हंस्लो मित्र कोनी थारो ए भोली काया
तू जाणे काया में ठग राख्यो
यो हंस्लो आप ठगोरो ए।

जळ गया तेल बुझ गयी बतिया
मन्दरिया म भयो अंधियारो,
ले दिवलो म घर घर डोली
मिल्यो कोनी तेल उधारो ए भोली काया।

हंस्लो मित्र कोनी थारो ए भोली काया,
हंस्लो मित्र कोनी थारो ए भोली काया
तू जाणे काया में ठग राख्यो
यो हंस्लो आप ठगोरो ए।

दो दिन या चार दिन को पावणों
यो लाद चल्यो बिणजारो,
तू कहे हंसा संग चलूँगा
छोड़ चल्यो मझधारो ए भोली काया।

हंस्लो मित्र कोनी थारो ए भोली काया,
हंस्लो मित्र कोनी थारो ए भोली काया
तू जाणे काया में ठग राख्यो
यो हंस्लो आप ठगोरो ए।

उड़ गया हंस या टूट गयी टाटी,
माटी म मिल गयो गारो
कहत कबीर सुणो भाई साधू
निकल गयो बोलण हारो ए भोळी काया।

हंस्लो मित्र कोनी थारो ए भोली काया,
हंस्लो मित्र कोनी थारो ए भोली काया
तू जाणे काया में ठग राख्यो
यो हंस्लो आप ठगोरो ए।

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