अब मन भज ले राधेश्याम,बुढ़ापा बैरी आवेगाे।
Tag: Aa jao krishna kanhaiya
चोरी माखन की दे छोड़ कन्हीया मैं समझाऊँ तोय,
राम के दरबार में जो आ गया।जिसने जो मांगा वो सबकुछ पा गया।
जिसने भी देखी तेरी सांवली सी सूरत। नैनों में हर पल रहती प्यारी सी मूरत।
मेरे उठे जिगर मे पीर कन्हैया तेरी याद में,
कानूड़ा का दिल लूट ले गई गुजरी।
कन्हैया तेरी मेहरबानी रहे,
जब तलक ये मेरी जिंदगानी रहे,
नैया है मझधार श्याम इसे,
पार लगा जाओं
जिसने कृष्ण कृष्ण टेरया,फेरी मन की माला,
मोहन तुम मथुरा में रहते हो रहते हो
You must be logged in to post a comment.