मझधार में कश्ती है,
और राह अनजानी है,
Tag: Fasi bhawar me thi meri Naiya chalayi tune to chal padi
मेरे मन की फसी पतंग किशोरी तेरे महलन में।
कभी आया साथी बनकर,
कभी आया माझी बनकर,
मैने तेरे भरोसे गुरुदेव सागर में नैया डार दई।
मेरी नाव में चढ़ मत जाना,जादूगर दोनो भैया।
जिसकी नैया श्याम भरोसें,
डोल भले सकती है,
नैया है मझधार श्याम इसे,
पार लगा जाओं
ये नैया अटकी है मझधार।पार करो बालाजी नया बन के खेवनहार
मेरी छोटी सी है नाव,
तेरे जादू भरे पॉंव,
हरि का नाम सुमर प्यारे या नईया पार हो ज्यागी।
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