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krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स

Jisne krishna krishna terya,feri man ki mala,जिसने कृष्ण कृष्ण टेरया,फेरी मन की माला,krishna bhajan

जिसने कृष्ण कृष्ण टेरया,फेरी मन की माला,

जिसने कृष्ण कृष्ण टेरया,
फेरी मन की माला,
परले पार तार कै छोड़ै,
मोहन मुरली वाला।

पाट्टे लत्ते टूटे लीत्तर,
आया द्वार सुदामा
कंगले तै साहूकार बनाया,
अपना यार सुदामा,
बुरे बख्त मैं कृष्ण जी बिन,
नहीं पाटता पाला,
परले पार तार कै छोड़ै,
मोहन मुरली वाला।

हरनंदी का भाती बनकै,
बन गढवाला आया,
सवा पहर तक बरसाई थी,
सिरसा गढ़ मैं माया
श्याम सुन्दर नै हरनंदी के,
कर दिया गात उजाला
परले पार तार कै छोड़ै,
मोहन मुरली वाला।

पांच तत्व का तन पिंजरा,
यो जिसमे हंस फकीरा,
दर्श दीवानी आस लगाये,
बैठी दासी मीरा,
अमृत का रस बना दिया,
था भरा जहर का प्याला,
परले पार तार कै छोड़ै,
मोहन मुरली वाला।

एकदीन उस धन्ना भगत ने,
खेत मैं कांकर बोई,
श्री कृष्ण नै मेहर करी थी,
फसल गजब की होई
सब भगता के काम समारै,
राधा का गोपाला,
परले पार तार कै छोड़ै,
मोहन मुरली वाला।

जिसने कृष्ण कृष्ण टेरया,
फेरी मन की माला,
परले पार तार कै छोड़ै,
मोहन मुरली वाला।

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