राधे राधे बोल
बरसाने मे डोल, के मुख से राधे राधे बोल।
Author: Pushpanjali
तेरा दाना खा खा कर माँ सारी उम्र गुजारी,
जिसका दीवाना सारा संसार है, मेरी आंखों में वही नंदलाल है।
एक बार लाड़ली जू,
हमें चरणों से लगा लो,
काया माटी में मिल गई,
गईयोड़ा फेर नहीं आया।।
तेरा जादू न चलेगा मेरे भोले
काहे मारे मेरी गलियों के फेरे।
रमते रावल ने म्हारा,
आदेश देणा,
टेढ़ो टेढ़ो देखे रे,
साँविरया म्हारी ओर जी,
राम जपले रे सिया राम जपले,
म्हारा बालाजी ने दाय घणो आवे रे,
ओ सिर पे पंख मोर
बोले तोतले से बोल,
कहे इसे माखन चोर मेरे दिल में भावे से,
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