गल मोत्यां को हार,
सिर चुनड़ चमक धार,
देकर सोलाहा शृंगार,
माँ बनडी सी लागो जी
Tag: dadi chunariya thari chamcham chamke
ओ मेरी प्यारी दादी,
देख तेरी बेटी आई,
दादी का मंगल, रोज करोगे,
मौज करोगे, मौज. करोगे,
सर पे चुनरिया लाल,
और हाथों में मेहंदी रचाई है,
म्हारी दादी जगत सेठाणी,
म्हारो मौज करे परिवार,
इस नभ में ऐसे चमके जैसे सूरज चांद सितारे।
छम छम नाचे घोडा सांवरे सजन का
जब तक हो दादी जीवन मेरा,
छूटे कभी ना ये आंगन तेरा।
झुंझनू धाम का कण कण बोले,नारायणी नमो नमः
मां लाल चुनरिया में लगती निराली है। बड़ी सज धज के बैठी मां शेरावाली है
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