जिसका दीवाना सारा संसार है, मेरी आंखों में वही नंदलाल है।
जो अयोध्या में अवध बिहारी बना।
और ब्रज में जो लीला बिहारी बना।
ऐसे नटवर पै सब कुछ निसार है॥ हाँ मेरी आँखों में वही नंदलाल है।
जिसका दीवाना सारा संसार है, मेरी आंखों में वही नंदलाल है।
कभी झाँकी दिखाई धनुष बाण से,
कभी मुरली बजाई मधुर तान से।
हर जगह पर वो खुद आशाकार है॥ हाँ मेरी आँखों में वही नंदलाल है।
जिसका दीवाना सारा संसार है, मेरी आंखों में वही नंदलाल है।
कभी बलि के यहाँ विप्र रूप बना।
कभी द्रौपदी के लिए वस्त्र बना।
कभी खम्भे से वो लेता अवतार है॥ हाँ मेरी आँखों में वही नंदलाल है।
जिसका दीवाना सारा संसार है, मेरी आंखों में वही नंदलाल है।
कभी सोने की लंका लुटाता फिरे।
कभी गोकुल में माखन चुराता फिरे।
हर चमन में उसी की बहार है॥ हाँ मेरी आँखों में वही नंदलाल है।
जिसका दीवाना सारा संसार है, मेरी आंखों में वही नंदलाल है।
जो बाराह वामन परशुराम हैं,
जो कि घनश्याम और जो कि राम हैं।
दीन दृग से जिनको प्यार है। हाँ मेरी आँखों में वही नंदलाल है।
जिसका दीवाना सारा संसार है, मेरी आंखों में वही नंदलाल है।