म्हारी अजब बाग़ गुलज़ार
रंग रंग रा फूल खिले रे,
Tag: Chet Chet mhara man re diwana
जाग रे नर जाग दीवाना,
अब तो मूरख जाग रे ।
में तो हीरो गमादियो कचरा में ,पांच पचीसों का झगड़ा में।
राम दीवाने बजरंगी,
की महिमा गाएगा,
सुण म्हारा मनवा वीर ,
एड़ी नहीं करणी ।
आठे रहना नाहीं देस बिराना है। वीराना है एक दिन जाना है
हाड़ मांस का पिंजरा, एक झटके में तोड़ के।
पिंजर भया पुराणा गेला,
पिजंर भया पुराणा रे,
जरा हलके गाड़ी हांको मेरे राम गाड़ी वाले।
सौदा करले जाननहार,
काया गढ़ में मंडियों बाजार,
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