गल मोत्यां को हार,
सिर चुनड़ चमक धार,
देकर सोलाहा शृंगार,
माँ बनडी सी लागो जी
Tag: chunar to odh mhari dadi
ओ मेरी प्यारी दादी,
देख तेरी बेटी आई,
चुनर ओढ़ लेई ओढ़ लेई रे,नटवर नागरिया
इबके भादो बुलाले मावड़ी,,
चरणां में अपने बिठाले मावड़ी,,
दादी का मंगल, रोज करोगे,
मौज करोगे, मौज. करोगे,
मारी हुंडी स्वीकारो महाराज रे।
सांवरा गिरधारी।
म्हारी दादी जगत सेठाणी,
म्हारो मौज करे परिवार,
जब तक हो दादी जीवन मेरा,
छूटे कभी ना ये आंगन तेरा।
झुंझनू धाम का कण कण बोले,नारायणी नमो नमः
मां लाल चुनरिया में लगती निराली है। बड़ी सज धज के बैठी मां शेरावाली है
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