श्याम जी फागण आ रहया से,
तेरी गेल्या खेलां होली।
Tag: Chaya re basanti rang lo fagun aaya re
बाबा से होगी मुलाकात अबके फागण मे।
ओ आयो आयो फागण आयो, म्हारो साँवरियो मुस्कायो।
सांवरियो रंग बरसाये, आयो आयो फागणियो।
ग्यारस फागण की खाटू रे मांहि रंग बरसावे रे, ग्यारस फागण की।
ऐलान करता हू, सरे आम करता हूँ,
मैं तो मेरे ही श्याम का, गुणगान करूँगा,
कोई पीवे संत सुजान,
नाम रस मीठा रे।।
भगति रा मारग दूजा रे संतो ,
भगति रा मारग दूजा।
महीनो फागण को रंगीलो,
बाबो श्याम बुलावे रे,
महीनो फागण को।।
थारी काया रो गुलाबी रंग उड़ जासी ।
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