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श्याम भजन लिरिक्स

Ailan karta hu sareaam karta hu me to mere hi shyam ka gungan karunga,ऐलान करता हू, सरे आम करता हूँ,मैं तो मेरे ही श्याम का, गुणगान करूँगा,shyam bhajan

ऐलान करता हू, सरे आम करता हूँ,
मैं तो मेरे ही श्याम का, गुणगान करूँगा,

ऐलान करता हू, सरे आम करता हूँ,
मैं तो मेरे ही श्याम का, गुणगान करूँगा,
बस श्याम जपूंगा, ऐलान करता हूं।

गुज़रें दिनों की याद, मुझे जब आती है,
इन अखियों की पलके, भीगी जाती हैं,
कैसे संभाला श्याम ने, में ना भूलूंगा,
बस श्याम जपूँगा, ऐलान करता हूँ,
ऐलान करता हू, सरे आम करता हूँ,
मैं तो मेरे ही श्याम का, गुणगान करूँगा,
बस श्याम जपूंगा, ऐलान करता हूं।

जबसे मुझको श्याम ने, अपनाया है,
मेरी हार को मेरी ज़ीत, बनाया है,
अब जीवन की हर बाजी तो, बस में जीतूंगा,
बस श्याम जपूँगा, ऐलान करता हूँ,
ऐलान करता हू, सरे आम करता हूँ,
मैं तो मेरे ही श्याम का, गुणगान करूँगा,
बस श्याम जपूंगा, ऐलान करता हूं।

समझ ना पाया, इनसे कैसा नाता हैं,
पल में बदली दुनियाँ, ऐसा दाता है,
इनकी किरपा की छाँव तले, मैं रहूँगा,
बस श्याम जपूँगा, ऐलान करता हूँ,
ऐलान करता हू, सरे आम करता हूँ,
मैं तो मेरे ही श्याम का, गुणगान करूँगा,
बस श्याम जपूंगा, ऐलान करता हूं।

मैंने ये जबसे, जोत जगाई है,
इज्ज़त की दौलत भी, खूब कमाई है,
मैं तो ढंके की चोट पे, ये बात कहूंगा,
बस श्याम जपूँगा, ऐलान करता हूँ,
ऐलान करता हू, सरे आम करता हूँ,
मैं तो मेरे ही श्याम का, गुणगान करूँगा,
बस श्याम जपूंगा, ऐलान करता हूं।

ऐलान करता हू, सरे आम करता हूँ,
मैं तो मेरे ही श्याम का, गुणगान करूँगा,
बस श्याम जपूंगा, ऐलान करता हूं।

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