ओ जी ओ बाबाजी, थारे मंदिरिये में आस्या,
Tag: Darshan dikha de mere shyam baba
बाबा मुझे ये तो बता,
कोई इतना भी देता है क्या,
आता रहूं गाता रहूं,
श्याम तुम्हे मैं रिझाता रहूं,
कोई पिछले जनम के अच्छे करम,
मुझे बाबा तेरा प्यार मिला,
माना में मजबूर हूं लेकिन,श्याम मेरा मजबूर नहीं।
हम पे है तेरा उपकार,
ओ बाबा हम तो पले है,
तेरी छाव में,
श्याम तेरे हाथों में हमारी डोर है,
तेरे सिवा जग में ना कोई और है,
हाथों में ले श्याम ध्वजा, मन में ले विश्वास,
ऐलान करता हू, सरे आम करता हूँ,
मैं तो मेरे ही श्याम का, गुणगान करूँगा,
तुम रूठ गए जो मुझसे क्या हाल हमारा होगा।
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