खाटू में मची धमाल फागुन आयो रे,
Tag: Chaya re basanti rang lo fagun aaya re
चलो साथीड़ा आपा हरिगुण गावा,
सावन बिता कार्तिक बिता और बिता फागुन मास।
तेरे रंग में रंगूँगी मेरे सांवरे,
मैं तेरी थी रहूंगी मेरे साँवरे,
जब संत मिलन हो जाए
तेरी वाणी हरी गुण गाए
कई दिनां सूं डिकता या,फागुन की रुत आई जी।
मुझे अपने ही रंग में रंगले मेरे यार सांवरे,
छाया रे बसंती रंग,
लो फागुन आया रे,