श्याम सलोना रूप है तेरा,
घुंघराले है बाल,
Tag: Chand sa salona mukh late gunghrari hai
कैसे बैठा रे आलस में मुख्य से राम कह्यो न जाये,
तूं बणया दूज का चांद बाबा नजर कदै ना लागे।
तर जाओगे राम गुण गाने से, क्या होता है गंगा नहाने से।
तुमने सब कुछ जहा में बनाया
चाँद तारे जमी आसमान भी
श्याम सलोना रूप है तेरा,
घुंघराले है बाल,
राम गुण गायले रे भाई म्हारा,
जब लग सुखी रे शरीर।
लट खोल के नाचो मेरी माये
कि नैना रतन जड़े
ऐलान करता हू, सरे आम करता हूँ,
मैं तो मेरे ही श्याम का, गुणगान करूँगा,
चांद सा सलोना मुख
लटें घुंघरारी है।