मुझे मिल रही खुशियां अपार सखियों होली में।
Tag: Das be kanhaiya chori kithe kithe kiti aa
खिड़की मत खोलो अटारी की, चोरी हो गई बांके बिहारी की।
कान्हा कान्हा रटे ग्वालनी,
राधे का ना ध्यान करे,
चले आओ
तड़पता है तेरा ये दास संभालो,
श्याम जी फागण आ रहया से,
तेरी गेल्या खेलां होली।
मैं मुरली पकड़ कर रोई कान्हा तेरी याद में
चोरी माखन की करे है दिन-रात जसोदा मैया तेरो लाला।
ओ कान्हा ओ कान्हा सुन लो विनती मेरी।
दस वे कन्हैया चोरी किथे किथे किती आ,