मन में आस जगी मैंने दिल की सुनी, आ गयी दर तेरे दौड़ के।
Tag: apne bhakto ki aakh me aashu deka na pate hai
अवध में भक्तो का मन बोले,
हनुमत की भक्ति को टटोले
भगति रा मारग दूजा रे संतो ,
भगति रा मारग दूजा।
कभी अपने भक्त के घर घर भी,
सांवरिया दरश दिखा जाना,
जब जब खाटू वाले के भगतो पे विपदा आई,