मैं निर्धन तू सेठ संवारा के फायदा इस यारी का,
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श्याम-हवेली में मेरे बाबा,
लीले चढ़कर के अइयो,
बाबा मतन्या लोग हंसावे रे,
हाथ जोडक़र करुं विनती, क्यों नहीं आवे रे।
हार गया हूँ बाबा,
अब तो आके थाम रे,
बाबा से होगी मुलाकात अबके फागण मे।
हेलो आयो रे साथीड़ा, बाबो श्याम बुलायो रे,हेलो आयो रे।
अर्जी सुन ले लखदातार, तेरा गुण गाए संसार
बाबा हो बाबा,तेरे सिवा नहीं कोई हमारा।
लेने आजा खाटू वाले,
रींगस के उस मोड़ पै,
बाबा खूब सुनी निर्धन की,
आज कमी नहीं मेरै धन की।