मैं बूटी ढूंढ के लाऊंगा, मेरा वादा है,
Tag: buti ek se ek chamak rahi
ना केले ना हलवा ना फ्रूटी चाहिए। मने हरी हरी भांग वाली बूटी चाहिए।
भोलीसी सुरत, माथेपे चंदा
देखो चमकता जाए
जब मैंने भजन लगाया मां छम छम नाचे।
थाने मनावां म्हारा सालासर वाला
वो तो लाल लंगोटे वाला है,मां अंजनी का लाला है।
तन पर लगा सिंदूरी रंग,छमां छम नाच रहे बजरंग।
बुंटी एक से एक चमक रही, कोन सी ले जाऊं रामजी।