जिवडो तरसे नैना बरसे ,हाल हुआ बेहाल।
सावण आयो ,आयो नन्दलाल।
संग री सहेल्या म्हारी ,झूले बगियन में।
दे दे मधुरी ताल ,🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
सावण आयो , आयो नन्दलाल।
रिमझिम रिमझिम ,मेहा बरसे।
लग रही मोह उर साल ,🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
सावण आयो , आयो नन्दलाल।
कारी कारी रैण ,बिजुरिया चमके।
उठे बदन में झाल ,🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
सावण आयो , आयो नन्दलाल।
बरसी रे बरसी, बरखा बरसी ,सावण बिन बरसी।जीणने ढूंढे म्हारा नैण,वानी आया सरसी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
सावण आयो , आयो नन्दलाल।
दादुर मोर पपैया बोले ,कोयल करे कृपाल।
बागा री कलियाँ फूटी ,अब तो आय संभाल।अब तो सुन ले श्री गोपाल।🌺🌺🌺🌺🌺🌺
सावण आयो , आयो नन्दलाल।
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जिवडो तरसे नैना बरसे ,हाल हुआ बेहाल।