जटा में तेरे गंगा माथे पे तेरे चंदा, बोल भोले बोल दर्शन होगा कि नही।
मैंने सुना है तेरे दर पे जो कोई भी आता है,
उसपे दयालु करते कृपा कर बेड़ा पार लगाता है
तुम जैसा इस दुनिया में होगा ही नही।बोल भोले बोल दर्शन होगा कि नही। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺जटा में तेरे गंगा माथे पे तेरे चंदा, बोल भोले बोल दर्शन होगा कि नही।
गले में तेरे शेषनाग हैं जैसे फूलों की माला,
अंग सोहे बाघाम्बर तेरे कैसा रुप निराला।
इनके जैसे रुप के दर्शन होंगे कि नही। बोल भोले बोल दर्शन होगा कि नही।🌺🌺🌺🌺जटा में तेरे गंगा माथे पे तेरे चंदा, बोल भोले बोल दर्शन होगा कि नही।
धरती का विष पी जाता है नीलकंठ कहलाता है।
पार्वती के संग में शिवजी तांडव नृत्य रचाता है।
अपनी डमरू की तान सुनाओगे नही। बोल भोले बोल दर्शन होगा कि नही।🌺🌺🌺🌺जटा में तेरे गंगा माथे पे तेरे चंदा, बोल भोले बोल दर्शन होगा कि नही।
सब भक्तों की रक्षा करना भोले काम तुम्हारा है।
हम भी शंकर दास तुम्हारे आये शरण तुम्हारी हैं।
तुम भक्तों को चरणों में बिठाओगे नहीं। बोल भोले बोल दर्शन होगा कि नही।🌺🌺🌺🌺जटा में तेरे गंगा माथे पे तेरे चंदा, बोल भोले बोल दर्शन होगा कि नही।