रसिया का वेष बनाया , श्याम होली खेलने आया
Tag: Rasiya ka bhesh banaya
भोर भई चिड़िया चैंचायी, कान्हा कलेवा मांगे राम
दिल की हर धड़कन से,तेरा नाम निकलता हैं।
वह तो अंदर से समझा रहा है हमें, हम समझना ना चाहे तो वह क्या करें
हर देश में तू हर भेष में तू,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है,