थारो हरियो बाग़ बन जाई रे, ज्यरो अजब बाग़ बन जाए रे भव भव रा फुल खिले
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फुलड़ा परबत में खिल ग्या,
नारायण साढू ने मिल ग्या।।
म्हारी अजब बाग़ गुलज़ार
रंग रंग रा फूल खिले रे,
मेरी बगिया के फूल मत तोड़ो माली। डाली डाली में बैठी मैया शेरावाली।
कजरारे नैनो वाली,
तू ज्यो फूलों की डाली
फूल है वो किस्मत वाले जो,
तेरे गले के हार में है,
फूलों में बैठे गिरधारी, चले आना खोल किवाड़ी।
राहो में फूल बिछायेंगे
जब राम मेरे घर आयेंगे।
अरे मेरी कोठी गड़ री चार, मैं क्यों राम रटन लागी
पीले फूलों की बगिया सुहानी, मेरी बगिया में आओ राधारानी।
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