बरसाने की गली गली में, बाजत आज बधाई।
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हम बरसानें वाले हैं,
सारी दुनिया से अपने, अंदाज निराले है,
सबसे सुंदर है बरसाना बिरज में राधा रानी को।
बृज रज में लौट लगाय लीज्यो,
तू जब वृन्दावन आए,
तेरे रंग में रंगा हर जमाना मिले,
मैं जहा भी रहु बरसाना मिले।
करुणा की दृष्टि निहारो,राधे बरसाने वाली।
रसिया का वेष बनाया , श्याम होली खेलने आया
दिल की हर धड़कन से,तेरा नाम निकलता हैं।
तेरा दीवाना हुआ बनवारी, सुन तुलसा प्यारी महारानी।
यह तो बता दो बरसाने वारी, मैं कैसे तुम्हारी लगन छोड़ दूंगा
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