रसिया का वेष बनाया , श्याम होली खेलने आया
Tag: gopi
भोर भई चिड़िया चैंचायी, कान्हा कलेवा मांगे राम
दिल की हर धड़कन से,तेरा नाम निकलता हैं।
यह तो बता दो बरसाने वारी, मैं कैसे तुम्हारी लगन छोड़ दूंगा
बज गए ढोल नगाड़े,होय क्या बात हो गई।
हर देश में तू हर भेष में तू,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है,
नमो नमो तुलसा महारानी ,
नमो नमो हर जी पटरानी ।
हे नारायण हे गोपाल, केशव माधव दीनदयाल।
तुलसा घूम रही ब्रज धाम, जाने कहां मिलेंगे श्याम।
जद भी पड़ी कोई दरकार,लीले चढ़ आयो सरकार,
You must be logged in to post a comment.