चांद सा सलोना मुख
लटें घुंघरारी है।
Tag: Chandi ki katori me ghulwayi
सोने चांदी के बनाये हनुमान दरवाजे लागे पीतल के।
चेहरों उतर गयो चांद को जी,एसो सोनो सोनो लागे,
भोलीसी सुरत, माथेपे चंदा
देखो चमकता जाए
मेरे ब्रज की माटी चंदन है,
गुणवान सभी कहते है,
डोली चढ़ के दादीजी ससुराल चली
महीना भादौ का आया रे मेरी मैया आयेगी
थाने पलकां में छिपालयां,थाने हिवड़े से लगालयां,
कठे सुं ल्याऊँ पांख कठे सुं ल्याऊँ घोड़ी,
चांदी की कटोरी में धुलवाई,मंडवाले दादी में मेहंदी ल्यायी