लाखों महफ़िल जहाँ में युंतो
तेरी महफ़िल सी महफ़िल नही है
Tag: aaj tu dar pe khol
दरबार तुम्हारा श्याम, दुनिया से निराला है,
प्यारा प्यारा मां तेरा दरबार है। सोना सोना मां तेरा दरबार है।
में तो पुरबियों पूरब देश रो मारी हेली ।
ऐसी रचना रच गया तू जहां देखूं वहां तू ही तू।
हमने आंगन नहीं बुहारा,कैसे आएंगे भगवान
जीवन तेरा श्याम हवाले,
मन तू क्यों घबराये,
मैं कैसे उतरू पार नदिया अघम बहे।
जो भी आता है इस दर पे मिलता उसे जरुर है,
मैं हार के दर तेरे आया हूँ,
मेरा दूजा कोई सहारा नहीं,
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