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विविध भजन

Humne angana nahi buhara,kaise aayenge bhagwan,हमने आंगन नहीं बुहारा,कैसे आएंगे भगवान,

हमने आंगन नहीं बुहारा,कैसे आएंगे भगवान

हमने आंगन नहीं बुहारा, हमने आंगन नहीं बुहारा,कैसे आएंगे भगवान कैसे आएंगे भगवान।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
चंचल मन को नहीं संवारा चंचल मन को नहीं संवारा,कैसे आएंगे भगवान, कैसे आएंगे भगवान

हर कोने कलमल कसाय की लागी हुई है ढेरी।
नहीं ज्ञान कि किरण कहीं भी हर कोठरी अंधेरी
आंगन चौबारा अंधियारा, आंगन चौबारा अंधियारा,🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
कैसे आयेंगे भगवान कैसे आएंगे भगवान।हमने आंगन नहीं बुहारा,कैसे आएंगे भगवान, कैसे आएंगे भगवान

हृदय हमारा पिघल न पाया जब देखा दुखियारा।
किसी पंथ भूले ने हमसे पाया नहीं सहारा
सूखी है करुणा की छाया, सूखी है करुणा की छाया।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
कैसे आएंगे भगवान कैसे आएंगे भगवानहमने आंगन नहीं बुहारा,कैसे आएंगे भगवान, कैसे आएंगे भगवान

अंतर के पट खोल देखले ईश्वर पास मिलेगा।
हर प्राणी में परमेश्वर का आभास मिलेगा
सच्चे मन से नहीं बुलाया, सच्चे मन से नहीं बुलाया।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
कैसे आएंगे भगवान कैसे आएंगे भगवान।हमने आंगन नहीं बुहारा,कैसे आएंगे भगवान, कैसे आएंगे भगवान

निर्मल मन हो तो रघुनायक शबरी के घर जाते
भक्तों की बांह पकड़ साग बिदुर घर खाते।
इस पर हमने नहीं विचारा, इस पर हमने नहीं विचारा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
कैसे आएंगे भगवान कैसे आएंगे भगवान।हमने आंगन नहीं बुहारा,कैसे आएंगे भगवान, कैसे आएंगे भगवान

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