झोपड़िया मेरी ऐसी छवायियो भगवान,
Tag: Bhagwati
हमने आंगन नहीं बुहारा,कैसे आएंगे भगवान
घनश्याम तेरी बंसी,
पागल कर जाती है,
सांवली सुरतिया है,
मुख पे उजाला।।
सिर पे मोर मुकुट है साजे,
और घुंघराले बाल,
श्री गोवर्धन वासी सांवरे लाल
हार कर दर पे जो आता है
खुल गए भाग हमारे,गुरुदेव पधारे
छोड़ कर संसार जब तू जाएगा
माँ कौशल्या तुझको पुकारे,चले आओ अब राम हमारे
You must be logged in to post a comment.