बुढिया तन्नैं भी होणा हे, हे सुण चमक चुंदड़ी आली।
Tag: Aaya budhapa jab jani
करना है तो कोई पुण्य करम कर ,
लेना है तो ज्ञान ले।
हंसा नजर नहीं आया प्रेम गुरू,
अंत नजर नहीं आया,
में तो पुरबियों पूरब देश रो मारी हेली ।
इस आलीशान मकान का क्या देते हो आप किराया।
मैं कैसे उतरू पार नदिया अघम बहे।
जब से तुम संग लो लगाई में बड़ी मस्ती में हूँ ॥
भजन करो भरी जवानी में,बुढ़ापा किसने देखा से।
काया तेरी रेल बना दूंगी तब तेरो पिछो छोडूंगी
माला रो मणियो,
भजन वाली डोरी।
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