हार को अपनी भूल गया प्रभु,
जब से तेरा साथ मिला
Tag: Gal motya ko haar
मैं हार के दर तेरे आया हूँ,
मेरा दूजा कोई सहारा नहीं,
हार हार के हारों का एक,हार बनाया है,
हार कर दर पे जो आता है
हार तेरा नौलखा,मुकुट में हीरे कोहिनूर।
मेरी प्यारी नाराणी, बनेगी दुल्हनिया।
तूं बैठ पालकी नारायणी,तनधन जी के संग आज चली
दादीजी म्हारी अमर सुहागन जी
म्हाने चिंता है क्यांकी पड़ी,म्हारे पग पग पे दादी खड़ी।
गल मोत्यां को हार,सिर चुनड़ चमकदार
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