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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Me kaise utru paar Nadiya adham bahe,मैं कैसे उतरू पार नदिया अघम बहे,nirgun bhajan

मैं कैसे उतरू पार नदिया अघम बहे।

तर्ज,तूने अजब रचा भगवान

मैं कैसे उतरू पार नदिया अघम बहे। तू कर ले ब्रह्म विचार,नदिया अघम बहे।

धर्म-कर्म की नाव बनी है।धर्म-कर्म की नाव बनी है। तेरे सद्गुरु खेवनहार, नदिया अघम बहे।🌺मैं कैसे उतरू पार नदिया अघम बहे। तू कर ले ब्रह्म विचार,नदिया अघम बहे।

नाम सहारे नाव चली है।नाम सहारे नाव चली है। तेरा प्रेम बना पतवार, नदिया अघम बहे।🌺मैं कैसे उतरू पार नदिया अघम बहे। तू कर ले ब्रह्म विचार,नदिया अघम बहे।

ज्ञानी ध्यानी पार भए हैं।निगुरा मरा है मझधार,नदिया अघम बहे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺मैं कैसे उतरू पार नदिया अघम बहे। तू कर ले ब्रह्म विचार,नदिया अघम बहे।

माधव कहे ना देर लगाओ।माधव कहे ना देर लगाओ। तेरे प्रियतम है उस पार, नदिया अघम बहे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺मैं कैसे उतरू पार नदिया अघम बहे। तू कर ले ब्रह्म विचार,नदिया अघम बहे।

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