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श्याम भजन लिरिक्स

Me haar ke dar tere aaya hu,mera duja koi sahara nahi,मैं हार के दर तेरे आया हूँ,मेरा दूजा कोई सहारा नहीं,shyam bhajan

मैं हार के दर तेरे आया हूँ,
मेरा दूजा कोई सहारा नहीं,

मैं हार के दर तेरे आया हूँ,🌺🌺🌺🌺🌺
मेरा दूजा कोई सहारा नहीं,
मैं निर्बल निर्गुण दींन प्रभु,
मेरी भूलों को बिसराओ हरी,
मैं हार के दर तेरे आया हूँ,
मेरा दूजा कोई सहारा नहीं।

मैं भूल के सब कुछ बैठा हूँ🌺🌺🌺🌺🌺
अब आस तुझी से श्याम मेरी,
मैं तो हारा हुआ तेरा दास प्रभु,
मेरी जीत तुझी पे श्याम टिकी,
नहीं हार मुझे कभी छू पाए ,
एहसान तू करदे श्याम धणी,
मैं निर्बल निर्गुण दींन प्रभु,
मेरी, भूलों को बिसराओ हरी,
मैं हार के दर तेरे आया हूँ,
मेरा दूजा कोई सहारा नहीं।

सपनो में भी ना तुम आते हो,🌺🌺🌺🌺
ना ही अपना मुझे बनाते हो,
मन जनम जनम से प्यासा हूँ,
मुझे फिर काहे तरसाते हो,
मेरी आँख के आंसू बन जाओ,
हर बूँद से प्यास बुझे मेरी,
मैं निर्बल निर्गुण दींन प्रभु,
मेरी भूलों को बिसराओ हरी,
मैं हार के दर तेरे आया हूँ,
मेरा दूजा कोई सहारा नहीं।

मुझे ना ठुकराना गिरधारी,🌺🌺🌺🌺🌺🌺
तेरे बिन मेरा जीवन सूना है,
मैं सेवक तू दातार प्रभु,
तेरे हाथ में जीवन मेरा है,
में तेरी राह निहारूँगा,
मुझे थाम ले आकर बनवारी,
मैं निर्बल निर्गुण दींन प्रभु,
मेरी भूलों को बिसराओ हरी,
मैं हार के दर तेरे आया हूँ,
मेरा दूजा कोई सहारा नहीं……

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