मेरे उठे कलेजे पीड़ सखी, वृन्दावन जाउंगी।
Tag: Aaj mithila nagar nihal sakhiya
सखी वृंदावन का चोर मेरे घर में आया,
ओ कान्हा मेरे ओ कान्हा मेरे, तेरी राह निहारु पनघट पे,
चलो री सखी आज मिलेगे भगवान
भरोसे हम तो बाबा के,
जो होगा देखा जाएगा
मिठो जग में बोलणो हो रे हँसला फेर मिला ला नाय
तेरा सतगुरु भरम मिटाए रे सखी,भरम भूल में सोवे से।
हमने आंगन नहीं बुहारा,कैसे आएंगे भगवान
बहुत नाज करते है रहमत पें हम,
सलामत रहे तेरी नजरे करम,
कान्हा कान्हा कब से पुकारू हर पल तोरी राह को निहारु,
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