सखी री बांके बिहारी से
हमारी लड़ गयी अंखियाँ ।
Tag: Dhire dhire dholak bajayiyo meri sakhiyo
छोटी छोटी सखियों में खेलती भवानी
बजने दो भाई बजने दो, मेरी मैया का ढोलक बजने दो।
मेरे उठे कलेजे पीड़ सखी, वृन्दावन जाउंगी।
चलो री सखी आज मिलेगे भगवान
मैंने मानुस जनम तुमको हीरा दिया
तूने यूँ ही गवांया तो मैं क्या करूं।
रोये जो श्याम का प्रेमी,
उसे श्याम ही धीर बँधाए,
दरवाजे आया कौन सखी यह तो बता दो।
श्याम ऐसी बजाई मुरलिया
मेरी यमुना बह गई गागरीया।
कैसी बजाई बांसुरिया रे मोहन कैसी बजाई बांसुरिया।
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