चार बहु ये मेरे आगी, वे बोले माजी माजी।
Tag: Bahu bhojan na karu me aaj
काल बड़ो बलशाली, जाके भोजन है नर-नारी।
जन जन का कल्याण करे
मेरे शम्भू बाबा
बहुत नाज करते है रहमत पें हम,
सलामत रहे तेरी नजरे करम,
बहु भोजन ना करूं मैं आज, आज मेरे ग्यारस है।
मिलन कैसे होय की पांचों खिड़की बंद पड़ी।
एकादशी सब व्रतों में बड़ी है